कलेक्ट्रेट परिसर में लगी आग,अफरा-तफरी के बीच एसडीईआरएफ ने पाया काबू
होमगार्ड द्वारा मॉक ड्रिल में फायर एस्टुग्रेशर के उपयोग से कराया अवगत
सारनी।कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार को दोपहर बाद लगी आग पर एसडीईआरएफ के जवानों ने काबू पा लिया। अचानक लगी आग से धुंध और धुएं के बीच अधिकारी एवं कर्मचारी कुछ समझ नहीं पाए। कुछ ही देर में समझ आया कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि मॉक ड्रिल का भाग था जो होमगार्ड के साथ एसडीईआरएफ के जवानों ने आग से होने वाली दुर्घटनाओं में किस प्रकार रोकथाम करनी चाहिए से लोगों को अवगत कराने के लिए आयोजित की गई थी। इस अवसर पर एडीएम राजीव नंदन श्रीवास्तव, संयुक्त कलेक्टर अनिल सोनी,डिप्टी कलेक्टर अजीत मरावी अधीक्षक सहित अनेक कर्मचारी उपस्थित थे।
फायर स्टुग्रेशर का कैसे करें उपयोग
होमगार्ड की प्लाटून कमांडर सुनीता पन्द्रे द्वारा बताया गया कि फायर एस्टुग्रेशर का उपयोग इन परिस्थितियों में किस प्रकार किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि आग कितने प्रकार की होती है एवं हमें इस दौरान क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए। इसके साथ अग्निशमन उपकरणों को चलाने का अभ्यास कराया गया।
आग भी 5 प्रकार की होती है,कैसे करें बचाव
सुनीता ने बताया कि आग को 5 भागों में विभक्त किया जाता है। इन 5 प्रकार को जानना इसलिए जरूरी होता है, जिसमें आग का कारण जानना,आग को बुझाना आसान हो जाता है।
एक प्रकार – इसमें आग साधारण रूप में जैसे कागज,लकड़ी,कोयला, कपड़ा आदि में लगी आग को पानी और रेत डालकर बुझाना चाहिए।
द्वितीय प्रकार – इसके अंतर्गत ज्वलनशील तरल पदार्थ में लगी। इस प्रकार की आग डीजल, पेट्रोल केरोसिन में लगी आग को फोम झाग वाले एस्टुग्रेशन से बुझाना चाहिए।
तृतीय – ज्वलनशील गैस एलपीजी,सीएनजी, मिथेन आदि गैस में लगी आग को बुझाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड वाले फायर एस्टुग्रेशर का उपयोग करना चाहिए।
चतुर्थ – सोडियम, सिल्वर गोल्ड आदि धातुओं में लगी आग को ड्राय केमिकल पाउडर से बुझाया जाता है।
पंचम – विद्युत की शार्ट सर्किट से लगी आग को कार्बन डाइऑक्साइड यंत्रों से बुझाना चाहिए।
उपस्थित अधिकारियों को कार्यालय में रखे फायर एस्टुग्रेशर का उपयोग कैसे और किस प्रकार किया जाता है से अवगत कराया गया।