बर्तन वाले सोने वाले किराने की दुकान सभी ने ले रखा था चेक

अनिल खावसे आत्महत्या कांड

बर्तन वाले सोने वाले किराने की दुकान सभी ने ले रखा था चेक

मंगलवार को पाथाखेड़ा चौकी में रही कई लोगों की आवा जावी

सारनी। वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा की भूमिगत खदान में काम करने वाले डब्ल्यूसीएल के कर्मचारियों के द्वारा रुपए के लेनदेन और शारीरिक मानसिक यातना से परेशान होकर 10 सितंबर को वेकोलि के आवास में फांसी लगाकर और तीन पेज के सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर लिए इस मामले में पाथाखेड़ा पुलिस के माध्यम से सात लोगों के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया गया है। लेकिन वह लोग अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है जिन लोगों ने अनिल खावसे को डरा धमकाकर रेवाड़ी की तरह चेक ले रखे थे इस चेक लेने के मामले में बर्तन व्यापारी,हार्डवेयर व्यापारी,कंप्यूटर संचालक,सोने की दुकान वाले,किराने की दुकान वाले, बिना लाइसेंस के ब्याज का काम करने वालो के अलावा सट्टा और जुआ के कारोबार में अपना दखल अंदाज रखने वाले पाढर के कई लोग शामिल है। सूत्रों की माने तो बली,गुड्डू, राजेंद्र,गोलू,दीक्षित, यासीन,ठाकरे,हरिशंकर, शंभू,अरविंद,अशोक के अलावा भोला उर्फ रामनारायण सिंह,नसीम रजा के माध्यम से सबसे ज्यादा मृतक अनिल खावसे को मानसिक आर्थिक और शारीरिक यातना देने का काम किया है। यदि इस संपूर्ण प्रकरण में पाथाखेड़ा पुलिस के माध्यम से निष्पक्ष जाच की जाए तो कई लोग सलाखों के पीछे होंगे इसके अलावा बीसी के नाम पर कोयलांचल क्षेत्र पाथाखेड़ा में सूत खोरी का जो लंबा कारोबार संचालित हो रहा है इस सूत खोरी के अवैध कारोबार में कई सत्ता पक्ष के नेता बिचौलिए और दलाल नुमा लोग शामिल है। इनकी काली करतूत प्रशासन के अलावा क्षेत्र की जनता के सामने आ जाएगी।

अग्रिम जमानत की पेसी बुधवार को

अनिल खावसे को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले मुख्य आरोपी जो वर्तमान समय में पुलिस की पकड़ से फरार चल रहे हैं इनके माध्यम से जिला न्यायालय मे सी.एन.आर.नम्बर एमपी48010071032024/बी.ए/केश/766/2024 अग्रिम जमानत के लिए भोला उर्फ रामनारायण सिंह, नसीम रजा के नाम लगाया गया है जिसमें 12 सितंबर को न्यायालय ने जमानत देने से मना कर दिया था जबकि इसकी अगली तारीख 18 सितंबर को है संभावना व्यक्ति की जा रही है कि आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले इन मुख्य आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं मिल पाएगी पुलिस के माध्यम से जिन सात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 108,3(5) के तहत कार्रवाई की गई है इसमें 10 वर्ष की सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान भी है।

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