पत्रकारों की समस्याओं को लेकर मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ बैतूल आज सौंपेगा 21 सूत्रीयें ज्ञापन
मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा 1 मई मजदूर दिवस पर श्रमजीवी पत्रकारों की समस्याओं के संबंध में 21 सूत्रीय ज्ञापन
बैतूल/सारनी। मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना श्रमजीवी पत्रकारों का प्रतिनिधि संगठन है और प्रदेश की एक मात्र श्रमजीवी पत्रकारों की ट्रेड यूनियन भी। यह संगठन श्रमजीवी पत्रकारों की समस्याओं के साथ ही श्रमजीवी पत्रकारों के माध्यम से समाज और शासन के बीच सेतु के रुप में कार्य करते हुए जनकल्याण और जनहितेषी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी सक्रीय भूमिका अदा कर रहा है। समय-समय पर अपने ज्ञापनों के माध्यम से श्रमजीवी पत्रकारों की समस्याओं की ओर शासन का ध्यान आकर्षित किया है। शासन ने हमारी अनेक मांगें स्वीकार भी की हैं। और कई मांगें अभी भी स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित हैं। कई मांगें स्वीकृत होने के बाद भी क्रियान्वित नहीं हो पाई हैं। इस ज्ञापन के माध्यम से आपका ध्यान आकर्षित कर रहे हैं ताकि आप मांगों की ओर गंभीरता से ध्यान दे पूरी करा सकें।
हम प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर 1 मई को श्रमजीवी पत्रकारों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन और रैली के माध्यम से सरकार को अपनी मांग प्रेषित करते हैं, ताकि जन मानस द्वारा स्थापित लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ को मजबूत करने वाले श्रमजीवी पत्रकारों की समस्याओं का निराकरण हो सके। आप भी मानते ही हैं कि हम श्रमजीवी पत्रकार भी एक सामाजिक प्राणी हैं। उनकी भी अपनी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए आवश्यक है कि सरकार सहानुभूतिपूर्वक हम श्रमजीवी पत्रकारों की समस्याओं की ओर ना केवल ध्यान दे बल्कि उनका निराकरण भी करे, ताकि वे सहज रुप से अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत बनाने में अपनी अहम भूमिका अदा कर सकें। मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ बैतूल के जिला अध्यक्ष रंजीत सिंह ने बताया कल एक में मजदूर दिवस के दिन बैतूल जिला कलेक्टर को हम 21 सूत्रीय मांगें का ज्ञापन सौंपेंगे। जिसमें प्रमुख रूप पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए। 2.पत्रकार भवन की भूमि वापस हो।
3.श्रम विभाग के सहयोग से कमेटियां बने।
4.संभाग व जिला स्तर पर श्रमजीवी पत्रकार प्रकोष्ठ बनाए जाए।
5.आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ दिया जाए।
6.श्रमजीवी पत्रकार कल्याण आयोग का गठन हो।
7.विज्ञापन की एक समान नीति बने।
8.तहसील स्तर पर सूचना सहायक नियुक्त किए जाए।
9.टोल नाकों पर मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के कार्ड को मान्यता दी जाए।
10.समाचार पत्रों तथा पत्रकारों को जीएसटी से मुक्त रखा जाए।
11.लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों की विज्ञापन नीति पर पुनः विचार हो।
12.कतिपय पत्रकार संगठनों द्वारा किए जा रहे अधिमान्य शब्द का दुरूपयोग रोका जाए।
13.श्रद्धानिधि जीवन पर्यन्त मिले।
14.श्रद्धानिधि प्रारंभ में पांच वर्ष के लिए ही दी जाएगी: इस नियम को हटाया जाए।
15.जनसंपर्क कार्यालय में स्टाफ की कमी को दूर किया जाए।
16.शासकीय आवास स्थाई आवंटित हो।
17.पत्रकारों के चिकित्सा कार्ड बनाए जाए।
18.अधिमान्यता समितियां गठित हो।
19.पत्रकारों को कम ब्याज पर ऋण मिले।
20.सरकारी नौकरियों में पत्रकारों के बच्चों को भी आरक्षण दिया जाए।
21.तहसीलों और जिला मुख्यालयों में पत्रकार भवन के लिए भूखण्ड आवंटित किए जाए।