नगर पालिका परिषद सारनी के कर्मचारियों के वेतन नहीं हुआ भुगतान
अलीबाबा चालीस चोर की तरह नगर पालिका को लूटने में लगे
सारनी।जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका परिषद सारनी इन दोनों अलीबाबा चालीस चोर का अंडा बनते दिखाई दे रही है बताया जाता है कि नगर पालिका के कर्मचारियों को नवंबर माह से अपने निर्धारित समय से 15 दिन विलंब से वेतन का भुगतान हो रहा है जबकि नगर पालिका परिषद सारनी के द्वारा अनावश्यक निर्माण कार्य अनावश्यक खरीदी और सत्ता के नेताओं को ऑफलाइन काम बांटने में लगे हुए यह सारा काम नगर पालिका अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष के संरक्षण में होता दिखाई दे रहा है। इससे भी आश्चर्य की बात किया है कि नगर पालिका मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी और वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा के लीज की भूमि पर बिना एनओसी के निर्माण के नाम पर अतिक्रमण करने का कार्य कर रही है जिसके ऊपर सालाना करोड़ों रुपए खर्च हो रहा है उसके बाद भी शहर बतसे बतर दिखाई दे रहा। इससे भी आसान की बात किया है कि भोपाल के एक ठेकेदार के ऊपर आखिर नगर पालिका अधिकारी और नपा अध्यक्ष कितने मेहरबान क्यों है जूते की सप्लाई हो या फिर रेनकोट की सप्लाई हो या बिजली का करोड़ों का काम यह सभी काम जिम के नाम पर आखिर इसी व्यक्ति को देना नगर पालिका अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है यदि नगर पालिका परिषद सारणी के अध्यक्ष के माध्यम से निर्वाचन के समय में उनकी घोषणा पत्र को देखा जाए तो उनके पास संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं है लेकिन पिछले 14 महीने में नगर पालिका अध्यक्ष के पास आखिर अचानक 50 लाख से अधिक की राशि आ जाना जाच का विषय बना हुआ है। इसके अलावा मुख्य नगर पालिका अधिकारी सी के मेश्राम के कार्यकाल की अब जांच की मांग उठने लगी है। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस,आम आदमी पार्टी के अलावा कई पार्षदों के माध्यम से विजिलेंस से लेकर आयुक्त कलेक्टर एसडीएम को शिकायत करके उनकी संपत्ति और इनकी कार्य प्रणाली और उनके 5 वर्षों के कार्यकाल की जांच की मांग भी उठना लगी है। अब देखना है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता नगर पालिका अध्यक्ष मुख्य अधिकारी को बचाने में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह करते हैं या नहीं कुल मिलाकर यह देखा जाए कि अलीबाबा चालीस चोर की तर्ज पर नगर पालिका परिषद सारनी संचालित हो रही है और गिनती के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को लाभ मिल रहा है।