लाडली बहन और मोदी फैक्टर से बैतूल कांग्रेस विहीन
मध्यप्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री मुलताई से हारे
सारनी।बैतूल जिले में कांग्रेस के गलत मैनेजमेंट और एक दूसरे के टांग खींचे प्रथा की वजह से कांग्रेस एक भी सीट जीत नहीं पाई है। बैतूल जिले में लाडली बहन एवं नरेंद्र मोदी फैक्टर चलने की वजह से जिले की पांचो सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा होने से भाजपा के पदाधिकारी में उत्साह का माहौल बना हुआ है। जबकि कांग्रेस के कार्यकर्ता पदाधिकारी में मायूसी की लहर देखी जा सकती है। कांग्रेस के पदाधिकारी को उम्मीद थी कि मध्यप्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखदेव पान्से मुलताई से विजय होंगे लेकिन सुखदेव पान्से को भारतीय जनता पार्टी के चंद्रशेखर देशमुख ने 14 हजार 842 मतों से हारने का काम किया है। मुलताई से सटी हुई सीट आमला विधानसभा भी महत्वपूर्ण थी लेकिन आमला विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को पटकनी देने में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मालवे सफल नहीं हो पाए हैं हालांकि आमला विधानसभा में कांग्रेस के मनोज मालवे दूसरी बार डॉक्टर योगेश पंडाग्रे से हार चुके हैं। डॉ योगेश पंडाग्रे को भले ही वर्ष 2018 की अपेक्षा इस वर्ष 7000 मत कम मिले हैं लेकिन योगेश पंडाग्रे का मय प्रतिशत बढ़ जाने के कारण इन्हें 92 हजार से अधिक मत मिले हैं। इस तरह आमला विधानसभा पर कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मालवे को 12118 मत से हार का सामना करना पड़ा है। बैतूल जिले में शुरू से ही सबसे ज्यादा विवादित विधानसभा यदि कोई रही है तो वह भैसदेही विधानसभा रही है भैसदेही में भारतीय जनता पार्टी के महेंद्र सिंह चौहान का टिकट फाइनल होने से लेकर चुनाव तिथि तक विरोध चला रहा उसके बाद भी कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र सिंह चौहान को पटकने नहीं दे पाए भाजपा के महेंद्र सिंह चौहान कांग्रेस के धम्मू सिंह को 8389 मत से हराने में सफल हुए।जबकि घोड़ाडोगरी विधानसभा शुरू से ही तप रहा यहां पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रत्याशी गंगा सज्जन सिंह उईके को बनाया था जबकि कांग्रेस ने ब्रह्मा भलावी के स्थान पर राहुल उईके को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन मत गाना शुरू होने से लेकर मतगणना समाप्त होने तक कई दौर में कांग्रेस और बीजेपी आगे पीछे चलती रही अंतिम क्षणों में भारतीय जनता पार्टी की गंगा सज्जन सिंह उईके ने कांग्रेस के राहुल उनके को 4213 मतों से हराकर बैतूल जिले की पांचो सीटों पर अपना कब्जा कर लिया है। बताया जाता है कि बैतूल जिले में वर्ष 2013 के बाद 2023 में भारतीय जनता पार्टी पांचो सीटों पर अपना परचम लहराने में सफल रही हालांकि पड़ोसी जिला छिंदवाड़ा पास में होने की वजह से बैतूल जिले में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश के कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का बहुत ज्यादा हस्तक्षेप रहता है उसके बाद भी कांग्रेस बैतूल जिले से एक भी अपना उम्मीदवार जीता नहीं पाई है।कांग्रेस को वर्ष 2018 और वर्ष 2023 में क्या गड़बड़ी और कमी हुई इस पर विचार मंथन करना। हालांकि इस विधानसभा चुनाव के बाद अब कांग्रेस के पदाधिकारी ही खुलकर कहने लगे हैं कि आने वाले 10 सालों तक प्रदेश में कांग्रेस का नामोनिशान नहीं रह पाएगा।
जिले में दीपावली का माहौल
बैतूल जिले में पांचो विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के विजई होने की घोषणा होने के बाद मानव दीपावली और ग्यारस का माहौल संपूर्ण जिले में देखने को मिला है।विशेष कर आमला विधानसभा क्षेत्र की सारनी और आमला में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के माध्यम से बेड बजे और पटाखे की दहाड़ से अपनी जीत का जश्न मनाने का काम किया गया है।कुछ स्थानों पर भारतीय जनता पार्टी के विजेता उम्मीदवारों के माध्यम से उनके कार्यकर्ता पदाधिकारी के द्वारा विजय जुलूस भी निकल गया हालांकि अलग-अलग विधानसभा में एक-दो दिन के बाद विजय जुलूस निकाले जाने की संभावना व्यक्ति की जारी है लेकिन मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की बंपर वापसी आने की खुशी में मानव जिले में एक बार फिर दीपावली का माहौल बन गया था।