प्रदेश की मुखिया झूठ के पिटारा और घोषणाओं की मशीन – तिरुपति एरोलू
केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी इकाई स्थापित होने में देरी क्यों
सारनी।प्रदेश के मुख्यमंत्री झूठ बोलने का पिटारा और घोषणा करने की मशीन हो गए हैं उन्होंने विद्युत नगरी सारनी के मतदाताओं के साथ छल किया है और इसका जवाब क्षेत्र के मतदाता 17 नवंबर को प्रदेश सरकार के खिलाफ बटन दबाकर अपनी नाराजगी व्यक्त करने का कार्य करेगी।यह बात मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव तिरुपति एरोलू ने अनौपचारिकता के तौर पर क्षेत्र की पत्रकारों से चर्चा करते हुए व्यक्ति किया है।उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि 5500 करोड रुपए की लागत से बनने वाले 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई के लिए पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड के माध्यम से अनुमति प्रदान नहीं की गई है उसके बाद भी ताप विद्युत गृह सारनी की इकाई स्थापित किए जाने के लिए प्रदेश सरकार के नेताओं के इसरे पर मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अधिकारियों ने निविदा जारी कर दी है। जबकि नियम के अनुरूप जब तक सभी आपत्तीया एनओसी जारी नहीं हो जाती तब तक इकाई की स्थापित होने के लिए निविदा निकाली नहीं जा सकती।लेकिन चुनावी मौसम को देखते हुए राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से यह निविदा समय से पहले जारी करके इसका श्रेय लेने का कार्य प्रदेश सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से किया जा रहा है जो वाकई निंदनीय है।श्री एरोलू ने आरोप लगाते हुए बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2012 में पावर प्लांट एक के गेट क्रमांक एक पर आमसभा को संबोधित कर सारनी में 660 मेगावाट की बिजली इकाई लगाने की घोषणा कि उसके बाद 18 दिसंबर 2018 को कोयलांचल क्षेत्र के पाथाखेड़ा के फुटवाल ग्राउंड में नगरी निकाय चुनाव सभा को संबोधित करते हुए 660 मेगावाट की बिजली इकाई लगाने की फिर घोषणा कर दी जबकि केंद्र सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा एनओसी नहीं दी गई फिर भी 24 अगस्त को 660 मेगावाट की अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई का भूमि पूजन करके वे चल दिए अब क्षेत्र की जनता अपने आप को ठगा और चला सा महसूस कर रही है।मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव तिरुपति एरोलू ने बताया कि आमला विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे के माध्यम से सुखाढाना में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करवा दिया गया,सारनी में 660 मेगावाट की नई इकाई लगा दी गई, भूमिगत कोयले की खदान खोल दी गई और सीमेंट की फैक्ट्री भी खुल रही है।उसके बाद भी क्षेत्र के युवा रोजगार की तलाश में जिले एवं राज्य से बाहर जा रहे हैं।किसी समय में नगर पालिका परिषद सारनी के 36 वाडो में मतदाताओं की संख्या एक लाख 12 हजार से अधिक हुआ करती थी जो वर्तमान समय में 35 हजार के आसपास जाकर सिमट गई है।इससे यह पता चलता है कि प्रदेश सरकार के मुखिया और जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि नगर पालिका परिषद सारनी क्षेत्र के मतदाताओं के साथ केवल झूठ बोलने और चुनावी हथकंडे अपना कर राजनीति के गलियारों में सफलता प्राप्त करने के लिए ही कार्य कर रहे हैं जो क्षेत्र के मतदाता और क्षेत्र के लिए ठीक संकेत नहीं।