आदर्श आचार संहिता का हो रहा उल्लंघन बिजली के खंभे पर बधे चुनावी झंडा
देसी कट्टे के भरोसे एक-47 से चुनावी जंग में भीड़ रही कांग्रेस
सारनी। चुनाव प्रचार प्रसार चरम सीमा पर है और आमला विधानसभा क्षेत्र में 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमाते हुए दिखाई दे रहे है।जिसमें कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से खड़ी हुई महिला भी जमकर चुनावी मैदान में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों को टक्कर देने से पीछे नहीं रही है। शहरी ग्रामीण क्षेत्रों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की रंजन बामने को लेकर चर्चा का बाजार गर्म हो गया बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव में 15 से 20 हजार के आसपास यह भी मतदन अपने पक्ष में करवा सकती है। लेकिन इनके माध्यम से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते दिखाई दिया जा रहा है उनके कार्यकर्ता पदाधिकारी के माध्यम से नगर पालिका परिषद सारनी के बगडोना मुख्य मार्ग पर बिजली के खंभे पर चुनावी झंडा बांधने का कार्य किया गया है। कुछ इसी तरह का नजारा पाथाखेड़ा,सारनी, शोभापुर में भी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच देखने को मिल जाएगा मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी और वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा के बिजली के कई स्थानों पर खाबो का बैनर पोस्टर झंडा बांधने में उपयोग किया गया है। इस और निर्वाचन आयोग का ध्यान नहीं जा रहा है आमला विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनावी मैदान में कांग्रेस से मनोज मालवे तो भारतीय जनता पार्टी से डॉक्टर योगेश पंडाग्रे, बहुजन मुक्ति पार्टी से रूपेश पांडोले, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से रंजन बामने,निर्दलीय जोशुआ गणेश,सदाराम झारबडे, हरिपाल लाल बिहारे चुनावी मैदान में है।
हालेदिल चुनावी जनसंपर्क का
कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता पदाधिकारी के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में धुआंधार तरीके से जनसंपर्क करने के कार्य में जुटे हुए है।इस कार्य में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी प्रथम स्थान पर दिखाई दे रहे हैं जबकि कांग्रेस के माध्यम से सोशल मीडिया पर धुंआधार तरीके से प्रचार किया जा रहा है।जबकि धरातल पर उनके पास कार्यकर्ता बड़ी मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रहे है।शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्र में इसी तरह का माहौल बना हुआ है वहीं कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष किशोर चौहान के माध्यम से फंड का हवाला देकर कार्यकर्ताओं को चाय नाश्ते से भी वंचित रखा जा रहा है।इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा एक-47 और कांग्रेस देसी कट्टे के भरोसे ही चुनावी मैदान में अपने आप को शेर होना बता रही है। जबकि धरातल हकीकत कुछ हो रही है यदि सूत्रों की माने तो कांग्रेस के ग्रामीण क्षेत्र के अध्यक्ष सलैया ग्राम पंचायत क्षेत्र में गुरुवार सुबह जनसंपर्क करने के उद्देश्य से आए थे लेकिन कार्यकर्ताओं का अभाव होने की वजह से उन्हें चोरडोगरी में जनसंपर्क अभियान करना पड़ा। बताया जाता है कि कांग्रेस में भी भारतीय जनता पार्टी की तर्ज पर बैतूल के धुरंधरों के हाथों में मैनेजमेंट का कार्य सौपा गया है।इस वजह से कार्यकर्ता और पदाधिकारी बैतूल की तरफ टकटकी लगाकर सामग्री सहित अन्य चीजों का इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं।जबकि इस मामले में कांग्रेस से कई गुना ज्यादा आगे भाजपा है।सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी पिछड़ाती दिखाई दे रही है। लेकिन आईटी सेल के पदाधिकारी को गुरुवार शोभापुर के चुनावी कार्यालय में बुलाकर सोशल मीडिया पर भी गतिविधियां तेज किए जाने को लेकर दिशा निर्देश देने का काम बैतूल और बिहार से आए पद अधिकारियों के माध्यम से किया गया है। ऐसे में फिर एक बार आमला विधानसभा चुनावा रेत के ढेर की तरह कांग्रेस के हाथ से निकालते दिखाई दे रही है।जबकि चुनाव का सही प्रचार प्रसार और दमखम का कारोबार 10 नवंबर से 15 नवंबर के बीच होगा और मुख्य समय पर कांग्रेस अपने आप को इस प्रतिस्पर्धा से बाहर होते दिखाई दे रही है।मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को भी इस बार ऐसा प्रतीक होता है कि प्रत्याशी के चयन करने में जल्दबाजी और नुकसान का खामी उठाना पड़ सकता है।