शाहरी और ग्रामीण क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में चुनाव को लेकर उत्साह नहीं
बिहार राजस्थान बैतूल और आमला के लोगों को बनाया प्रभारी
सारनी।भारतीय जनता पार्टी के बैतूल जिले में एकमात्र विधायक रहे डॉ.योगेश पंडाग्रे की आमला विधानसभा क्रमांक 130 में डगर आसान दिखाई नहीं दे रही है।भारतीय जनता पार्टी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के अंदरूनी कलाल की वजह से कांग्रेस से ज्यादा भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारीओ से नुकसान पहुंचाने दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के 55 से अधिक ऐसे बूत है जहां पर इन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और नुकसान वाले क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता पदाधिकारी कैसे व्यवस्था सुधरेगी यह निर्णय लेने की बजे एक दूसरे पर दोसारोपण करने का काम किया जा रहा है। हालांकि बूत लेवल के कार्यकर्ता और पदाधिकारी को दो से पाच हजार के लिफाफे बांटे जाने की चर्चा क्षेत्र में जोरों पर उसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी की स्थिति बेहतर नहीं दिखाई दे रही है। जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज मालवे से भारतीय जनता पार्टी की सीधे आमने-सामने की टक्कर होती दिखाई दे रही है। उसके बाद भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के भाजपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह पार्टी के प्रति समर्पण का भाव दिखाई नहीं दे रहा है जो नुकसान की ओर इशारा करता दिखाई दे रहा है।इसके अलावा सबसे ज्यादा स्थानी नेताओं को यह खालरहा है कि बैतूल,बिहार और राजस्थान से पर्यवेक्षक लाकर भारतीय जनता पार्टी के 5 वर्षों तक कार्य करने वाले निष्ठामन कार्यकर्ताओं के सीने पर इन्हें बिठाने का काम किया है। जिसकी वजह से भी भारतीय जनता पार्टी को सीधा नुकसान होने की संभावना से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सूत्रों की माने तो राजस्थान और बिहार से आए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों पर एक दिन का दस हजार से अधिक का खर्च होना सुर्खियों में बना हुआ है अब निर्वाचन अधिकारी को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि बाहर से आए पर्यवेक्षकों पर प्रतिदिन का खर्चा कितना हो रहा है इस खर्च को भी प्रत्याशी के खर्चे में जोड़ने का कार्य किया जाना चाहिए।
इन गांव में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति नाजुक और चिंताजनक
भाजपा के नेता जलप्रीनिधि यहां तक विधायक ग्रामीण क्षेत्र में विकास की गंगा कम भरने का काम करते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी स्थिति बेहद नाजुक दिखाई दे रही है जिन गांवों में उनकी स्थिति नाजुक दिखाई दे रही है उसमें बैलोण्ड,बीजादेही,डागवा वन ग्राम, जामखोदर,रोझडा,छतरपुर,केरिया,उमरी,धसेड,रैयत,रयावडी,सेमरताल,डोकलीरैयत,खैरवानी,ब्राम्हणवाडा,लोनिया,रैयत,कोलगाव,मरकाढाना,जाजलपुर,जाजबोडी,रतेडाकला,बोरीखुर्द,घीघीसी,लादी,खारीरेयत,देवगाव,काजली,माहोली,रानीडोगरी सहित अन्य गांव है जहां पर भाजपा की स्थिति चिंताजनक है और इस स्थान पर ना तो कोई पर्यवेक्षक जा रहे हैं और ना ही कोई पार्टी के दूसरे कार्यकर्ता 3 नवंबर बीत चुका है और यह कार्यकर्ता कौन नुकसान पहुंचा सकता है कौन सा कार्यकर्ता पार्टी को लाभ पहुंचा सकता है इसको लेकर इस गंभीर विषय पर पर्यवेक्षक और चुनाव का मैनेजमेंट देख रहे पदाधिकारी के माध्यम से किसी भी तरह का कोई बैठक करने अथवा इन्हें बुलाने पर रुचि लेने का काम नहीं किया गया है।जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में आमला विधानसभा चुनाव को लेकर उत्साह का माहौल दिखाई नहीं दे रहा है।