विधानसभा चुनाव के पहले विधानसभा संयोजकों का विरोध भाजपा के लिए नुकसानदेह
भैसदेही घोड़ाडोगरी मुलताई और आमला के संयोजक की भूमिका संदेह में
सारनी।भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से प्रत्याशियों की टिकट क्लियर करने के बाद बैतूल जिले की पांच विधानसभा में से चार विधानसभा के विधानसभा संयोजकों की भूमिका संदेह के घेरे में बनी हुई है।भैसदेही विधानसभा में जैसे ही महेंद्र सिंह चौहान की टिकट फाइनल हुई तो भैसदेही विधानसभा के संयोजक अनिल सिंह ठाकुर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।उनका कहना है कि पूरे 5 वर्ष का लंबा समय बीत जाने के बाद भी महेंद्र सिंह चौहान के माध्यम से भाजपा के कार्यकर्ता पदाधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंपर्क करने का कार्य नहीं किया ऐसे में इन्हें विधानसभा से जितना कठिन कार्य होगा। ठीक इसी तरह का माहौल मुलताई में भी बना हुआ है।जबकि घोड़ाडोगरी विधानसभा क्षेत्र में मंगल धुर्वे के लिए घोड़ाडोगरी संयोजक राजेंद्र मालवीय लगे हुए थे लेकिन उनके स्थान पर पार्टी ने गंगा उइके को टिकट दे दिया है। जिसकी वजह से घोड़ाडोगरी विधानसभा में विधानसभा संयोजक राजेंद्र मालवीय की भूमिका भी संदेह के घेरे में आकर खड़ी हो गई है।हालांकि वर्ष 2018 में भाजपा घोड़ाडोगरी से ही पीछे नहीं जबकि प्रत्याशी भी घोड़ाडोगरी की थी।आमला विधानसभा क्षेत्र के विधानसभा संयोजक पी.जे शर्मा का भाजपा के कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया है।अब तो उन्हें आमला विधानसभा संयोजक के पद से हटाने की भी मांग उठने लगी है। बताया जाता है कि आमला विधानसभा में पांच मण्डल है लेकिन विधानसभा संयोजक पी जे शर्मा सारनी मंडल को छोड़कर बाहर जाना पसंद नहीं करते हैं। मोरखा,आमला शहर, अमला ग्रामीण,सारनी शहर और सारनी ग्रामीण मंडल होने के बाद भी पी जे शर्मा सारनी के भाजपा कार्यालय में ही डटे रहे है।भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी घोषित होने से पहले पी जे शर्मा के माध्यम से डॉक्टर योगेश पंडाग्रे का विरोध करने का कार्य किया था। ऐसे में विधानसभा संयोजक के पद पर पीजे शर्मा को यदि बनाए रखा जाता है तो निश्चित तौर से भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी में विरोध बढ़ेगा सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि श्री शर्मा पिछले 10 वर्षों से विधानसभा संयोजक है और पार्टी इन्हें धनराशि खर्च करने के लिए देती है लेकिन यह अपने जेब से पैसा ढीला नहीं करते हैं।ऐसी स्थिति में आमला विधानसभा क्षेत्र के संयोजक पीजे शर्मा की स्थिति भी इस क्षेत्र में लालकृष्ण आडवाणी की तरह बनते जा रही है। यदि आमला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को यदि टिकट मिलती है तो भाजपा प्रत्याशी डॉ योगेश पंडाग्रे के लिए राह आसान नहीं होगा नगर पालिका परिषद सारनी के 36 पार्षद है जिसमें से 11 कांग्रेस के हैं जबकि 19 भाजपा के भाजपा के 19 पार्षदों में से 15 पार्षद निशा बंगरे के लिए अपने वार्डों में काम करेंगे ऐसी स्थिति में आंमला विधानसभा संयोजक और प्रत्याशी को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।