आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में झोला छाप डॉक्टर का आतंक
भाजपा मण्डल पदाधिकारी के पद की धौस दिखाकर आदिवासी से लूट रहा बेहिसाब पैसे
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार स्वास्थ्य शिक्षा की स्तिथि सुधारे जाने के नाम पर भले ही कितने भी दावे करती हो लेकिन जमीनी हकीकत देखा जाए तो हालात बिलकुल इसके विपरित है।आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले के शाहपूर में कोरोना के समय से एक तरह देखा जाए तो झोला छाप डॉक्टरों की मानो बाढ़ सी आ गई है। लेकिन आपदा को अवसर बना कर आदिवासी ग्रामीण अंचलों में ऐसे एक डॉ. ने इंजेक्शन लगाने के नाम पर पांच सौ से एक हजार रुपये की वसूलने अवैध मानो फेक्ट्री खोल ली हो और ऐसे फर्जी झोला छाप डॉक्टर के हौसले और जब ज्यादा बुलंद हो जाते है। जब ये झोला छाप डॉक्टर भाजपा के मण्डल पदाधिकारी के पद पर आसीन हो जाता है जहां भाजपा नेताओ के साथ फोटो खींचकर अपने रुतबे का डर भोले भाले आदिवासियों को दिखाता है और इसके एवज में चंद रुपये की दवाई और इंजेक्शन लगाने के एवज में 500 से एक हजार रुपये तक गाँव के लोगो से लूटमार कर लेता है। शाहपुर स्वास्थ्य केंद्र के खराब हालत को देखते हुए पिछले दिनों शाहपुर के ग्रामीण क्षेत्र के दिग्गज नेता और मण्डल अध्यक्ष बिजादेही विशाल सिंग ठाकुर और उनकी धर्मपत्नी और सवेंदनशील जनपद उपाध्यक्ष रोशनी विशाल सिंग ठाकुर ने प्रभारी मंत्री से स्वास्थ्य केंद्र के हालत को सुधारने की मांग की थी मंत्री ने उनके जवाब में पत्र लिखकर जल्द स्वास्थ्य केंद्र के स्तिथि सुधारे जाने का आश्वासन दिये था।लेकिन मण्डल अध्यक्ष और जनपद उपाध्यक्ष के इस प्रयास को कितनी सफतला मिलती है ये आने वाला वक्त बताएगा लेकिन शाहपुर के इस स्वास्थ्य विभाग की खस्ता हालत का फायदा उन्ही के पार्टी मण्डल महामंत्री झोला छाप डॉक्टर पूरी ताकत के साथ उठा रहा इस झोला छाप डॉक्टर के कारनामे के बारे में बताया जाता है कि पूर्वे में कई बार इनके गलत उपचार और दवाई और ज्यादा एमजी के इंजेक्शन के कारण कई मरीजों की जान पर बन आई लेकिन इस झोला छाप डॉक्टर की राजनीतिक पकड़ के कारण और पद की धोस के कारण किसी की हिम्मत नही होती की इसकी शिकायत पुलिस चौकी या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को करे। उच्च अधिकारी भी इस पर कार्यवाही और हांथ डालने से बच रहे है लेकिन यदि भाजपा को फिर से सत्ता हासिल करना है और घोड़ाडोंगरी विधानसभा की सीट को फिर से जीतना है तो ऐसे अवैध काम करने वाले और झोला छाप डॉक्टर की लूटमार को नही रोका गया तो राजनीतिक रोटी सेककर जनता को लूटने वालो की किनारा नही किया गया तो गरीब आदिवासी का गुस्सा भाजपा के खिलाफ वोट देकर जनता निकालेंगी। घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में आदिवासियों की संख्या सबसे ज्यादा है और ऐसे झोलाछाप भाजपा के महामंत्री के द्वारा ग्रामीणों का गलत उपचार करने के कारण एक धड़ा आदिवासी का भाजपा से नाराज चल रहा है जिसके दुष्परिणाम आने वाली विधानसभा में देखने को मिल सकते हैं।