82 करोड़ की नगरपालिका हुई कंगाल कर्मचारियों को वेतन देने के पड़े लाले
अनावश्यक खरीदी और फोकट के व्याय की वजह से स्थिति हुई निर्मित
सारनी।प्रदेश की दूसरी और जिले की पहली सबसे बड़ी नगर पालिका परिषद सारनी कंगाल हो चुकी है। स्थिति यह निर्मित हो गई है कि नगर पालिका परिषद सारनी के नियमित 150 और दैनिक वेतन भोगी और विनियमितीकरण के लगभग 500 कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान करने के लिए नगर पालिका परिषद सारनी के पास कोर्स नहीं है। नगर पालिका परिषद सारनी के कर्मचारियों का कहना है कि 12 जनवरी होने को है लेकिन नगर पालिका परिषद सारनी के कर्मचारियों के वेतन कब होता यहां स्पष्ट नहीं हो पाया है और लगभग एक सप्ताह से अधिक का समय वेतन भुगतान में और लग सकता है पिछले महा भी 12 जनवरी के बाद ही कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में आया है। बताया जाता है कि नगर पालिका परिषद सारनी में अनावश्यक सामानों की खरीदी और बेवजह की खर्च की वजह से ही इस तरह की स्थिति निर्मित हो गई है स्वास्थ्य महकने पर लगभग प्रति माह 30 से 40 लाख रुपए का खर्च किया जाता है। जबकि इसकी स्थिति उसे तरह की नहीं है जैसे शहर हुआ करता है। इसके अलावा नगर पालिका परिषद सारनी में अनावश्यक पेविंग ब्लॉक का निर्माण कार्य करवाना अनावश्यक निर्माण कार्य में खर्च करना मुख्य कारण माना जा रहा है। नगर पालिका परिषद सारनी का वार्षिक बजट 82 करोड़ है जो लगभग 68 करोड़ के आसपास आता है इतनी बड़ी नगर पालिका के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए यदि राशि ना हो तो यह कोई विडंबना से काम नहीं है। नगर पालिका परिषद सारनी के अधिकारी सी.के मेश्राम का कहना है की चुंगी छाती का भुगतान उन्हें नहीं मिल पा रहा है इस वजह से समय पर कर्मचारियों अधिकारियों के वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है। जबकि बताया जाता है कि जेम में एक ही व्यक्ति को पिछले तीन वर्षों में चार करोड़ से अधिक की खरीदी करने का कार्य किया गया है और यह खरीदी का कोई महत्व एवं उचित नहीं है।
आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया भी परेशानी का कारण
नगर पालिका परिषद सारनी के माध्यम से नगर पालिका की हालत खस्ता हो चुकी है ऐसी स्थिति में नगर पालिका के माध्यम से मेले पर 40 लाख रुपए का खर्च किया जा रहा है जबकि इस 10 दिवसी मेले से नगर पालिका परिषद सारनी को केवल आय के रूप में तीन लाख की राशि ही मिलती है इसके अलावा कमीशन खीरी भ्रष्टाचारी नगर पालिका में चरम सीमा पर फैल चुकी है।वार्ड में छोटे से छोटे काम करने की एवाज में पार्षद से लेकर अधिकारियों तक की मुट्ठी गर्म करने का कार्य किया जाता है। छोटे काम की एवाज में पार्षदों को 10 हजार और नगर पालिका के दूसरे छोटे बड़े अधिकारियों को 15 हजार तक की रिश्वत दी जाती है तब जाकर एक लाख का निर्माण कार्य हो पता है यही वजह है कि नगर पालिका परिषद सारनी में पिछले तीन माह से कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है यदि मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी और वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा से चुंगी क्षतिपूर्ति बंद हो जाए तो नगर पालिका परिषद सारनी घटकर नगर परिषद में परिवर्तित हो जाएगी जिससे 82 करोड रुपए का इनका वार्षिक बजट घटकर 18 करोड़ पर आकर सिमर जाएगा ऐसी स्थिति में भ्रष्टाचार नगर पालिका परिषद सारनी को कंगाली की मुख्य द्वार पर लाकर खड़ा करना मुख्य कारण माना जा सकता है।