भाजपा की सूची हुई जारी और कांग्रेस एक भी नहीं कर पाई आमला को लेकर घमासान की स्थिति

भाजपा की सूची हुई जारी और कांग्रेस एक भी नहीं कर पाई आमला को लेकर घमासान की स्थिति

प्रथम स्थान पर मनोज मालवे और दूसरे स्थान पर हितेश निरपुर और तीसरे स्थान पर निशा बांगरे का नाम बना हुआ है

सारनी।विधानसभा चुनाव की तिथि करीब आ रही है और कांग्रेस अभी भी सुस्त पड़ी हुई है संपूर्ण प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से पहली सूची 39  प्रत्याशियों की घोषित की जा चुकी है इस तरह 230 में से 39 विधानसभा की टिकट भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से घोषित की जा चुकी है लेकिन कांग्रेस अभी तक एक भी सूची जारी नहीं कर पाई बैतूल जिले के एससी समाज के लिए आरक्षित आमला विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस की तरफ से 10 प्रत्याशियों ने अपना दावा किया है। जिसमें प्रथम स्थान पर मनोज मालवे और दूसरे स्थान पर हितेश निरपुर और तीसरे स्थान पर निशा बांगरे का नाम बना हुआ है।इन तीन में से किसी एक को आमला विधानसभा की टिकट मिलने की संभावना व्यक्ति की जा रही है। जबकि आमला विधानसभा से टिकट की दावेदारी करने में मोनिका निरापूरे,सीएम बेल,झानू बेल,करण चंदेलकर,विजय पारधी, सीमा अतुलकर और किरण झारबडे का नाम लिया जा रहा है। लेकिन आमला विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रत्याशियों की पहली फसल मनोज मालवे बने हुए हैं जबकि सुखदेव पांसे की पैनल से मनोज मालवे हितेश निरपुर और निशा बांगरे के नाम की स्वीकृति को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं चुनाव समिति के अध्यक्ष को यह तीन नाम भेजे जाने बताए जा रहे हैं। अब यह तीन में से किसी एक को कांग्रेस विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी घोषित करेगी लेकिन प्रत्याशी कब तक घोषित करेगी इसको लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई कम समय होने की वजह से कांग्रेस फिर मैदान में अपना दमखम का प्रदर्शन नहीं कर पाती है और फिर चारों खाने चित हो जाती है। घोड़ाडोगरी से सारनी और ग्रामीण क्षेत्रों को काटकर आमला विधानसभा क्षेत्र में जोड़ा गया वर्ष 2008 में चेतराम मानेकर के खिलाफ कांग्रेस के प्रत्याशी(वर्तमान समय में नगर पालिका अध्यक्ष)किशोर बरदे को उतारा गया लेकिन वह केवल 21 हजार मत ले पाए दूसरी बार वर्ष 2013 में चेतराम मानेकर के खिलाफ सुनीता बेले को चुनावी मैदान में उतर गया लेकिन वह 27 हजार ही मत विधानसभा में ले पाए तीसरा चुनाव वर्ष 2018 में हुआ जिसमें कांग्रेस के मनोज मालवे और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर योगेश पंडारे के बीच घमासान की स्थिति रही लेकिन यहां पर भी 54 हजार वोट लेकर कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा ऐसी स्थिति में यदि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के चयन में विलंब और लापरवाही भर्ती है तो निश्चित तौर से 2023 के चुनाव में भी कांग्रेस को चारों खाने चित होने की संभावना अब दिखाई देने लगी है।

 

Leave a Comment