नई दिल्ली: भारत में एस्ट्रेजेनिका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की तरफ से तैयार की गई कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) को मान्यता नहीं देने की ‘भेदभावपूर्ण नीति’ ब्रिटेन ने वापस ले ली है. अब कोविशील्ड की दोनों डोज लगवा चुके ब्रिटेन जाने वाले भारतीय नागरिकों को क्वारंटीन नहीं होना होगा.
भारत सरकार ने किया था विरोध
बता दें, हाल ही में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कोविशील्ड को लेकर ब्रिटेन की भेदभावपूर्ण नीति की आलोचना की थी. भारत ने ब्रिटेन की पॉलिसी को गलत बताते हुए समान व्यवहार करने की सलाह दी थी. भारत की तरफ से सवाल उठाया गया था कि कोविशील्ड की यूके को 50 लाख वैक्सीन खुराक प्रदान की गईं, जिनका उपयोग उनकी स्वास्थ्य प्रणाली NHS द्वारा किया गया. फिर भी भारत से आने वाले लोगों को 10 दिन क्वारंटीन रहने के लिए मजबूर किया जाना कतई सही नहीं है.
विदेश मंत्री ने भी उठाया था मुद्दा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ब्रिटेन की नवनियुक्त विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रुस के साथ अपनी बैठक के दौरान कोविड-19 संबंधी क्वारंटीन के मामले के ‘शीघ्र समाधान’ की की मांग की थी. जयशंकर ने ब्रिटेन के कोविड-19 संबंधी नए यात्रा प्रतिबंधों की तीखी आलोचना की थी. बीते दिनों ब्रिटेन ने नए नियमों की घोषणा करते हुए कहा था कि यह माना जाएगा कि कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है और उन्हें 10 दिन क्वारंटीन में रहना होगा.
Pleased to meet new UK Foreign Secretary @trussliz.
Discussed the progress of Roadmap 2030. Appreciated her contribution on the trade side.
Exchanged views on developments in Afghanistan and the Indo-Pacific.
Urged early resolution of quarantine issue in mutual interest. pic.twitter.com/pc49NS7zcw
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 21, 2021
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ब्रिटेन को देनी पड़ी थी सफाई
जब इस पूरे मसले पर ब्रिटेन घिर गया इसके बाद ही ब्रिटिश उच्चायुक्त की तरफ से कहा गया था कि कोविशील्ड के वैक्सीन सर्टिफिकेट को कैसे प्रमाणित किया जाए इस पर विचार चल रहा है. भारतीय सोशल मीडिया पर भी ब्रिटेन के इस नियम की खूब आलोचना हुई. लोगों ने इसे ‘अजीब’ और ‘भेदभाव’ करने वाला नियम बताया.
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