कांग्रेस से भाजपा में आए कुछ नेताओं का वापस कांग्रेस में जाने की तैयारी

कांग्रेस से भाजपा में आए कुछ नेताओं का वापस कांग्रेस में जाने की तैयारी

फूल छाप भाजपा नेता के घर कांग्रेस के नेताओं की पार्टी चर्चा का विषय

सारनी। बड़े बुजुर्गों ने सही कहा है कि व्यक्ति भले ही कितने हैं वस्त्र और चरित्र का परिवर्तन कर ले लेकिन वे अपनी मातृभाषा और मात्र संस्था को कभी नहीं भूल पाते हैं कुछ इसी तरह का नजारा इन दोनों कोयलांचल क्षेत्र पाथाखेड़ा की उपनगरी में देखने को मिला है बताया जाता है कि कांग्रेस के वार्ड क्रमांक 25 के पार्षद के माध्यम से नगर पालिका परिषद सारनी में धरना ना दे सके इस को देखते हुए भाजपा के एक नेता के घर कांग्रेस के कई नेताओं की पार्टी इन दिनों क्षेत्र में चर्चा बटोरते दिखाई दे रही है। आखिर ऐसी क्या वजह थी कि भाजपा के इस नेता को कांग्रेस के नेताओं को अपने घर बुलाकर शराब की पार्टी देनी पड़ी हालांकि लोग दबे जुबान से यह भी कहने लगे हैं कि यह बीजेपी का जो नेता अपने आपको सर्वश्रेष्ठ और उत्कृष्ट नेता बताने का कार्य कर रहा है यह खुद कांग्रेस छोड़कर किसी समय भाजपा का दामन थमे थे लेकिन लगातार कांग्रेस के नेताओं का उनके घर आना-जाना और रात्रि के समय वारुणी की पार्टी का होना यह बताता है कि यह बीजेपी का नेता जल्द ही कांग्रेस का दामन थाम सकता है हालांकि भाजपा की कई नेता दबी जुबान से कहने लगे हैं कि यह फूल छाप कांग्रेसी नेता भाजपा में विभीषण की महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है अब सारनी मंडल और जिले के पदाधिकारी के लिए यह कहीं भस्मासुर साबित ना हो इससे पहले इस भस्मासुर के शिखंडी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए एक सुनियोजित तरीके से भाजपा के कुछ लोग दस्तावेज के साथ जिले और प्रदेश के नेताओं से संपर्क करने में जुटे हुए हैं खैर मामला जो भी हो लेकिन कांग्रेस के वार्ड नंबर 25 के प्रथम बार बने पार्षद को रोकने के लिए कांग्रेस और भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने अपनी ताकत झोंकी लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। भाजपा और कांग्रेस के नेता वार्ड नंबर 25 के पार्षद को रोकते रहे और वह धरने पर बैठ गया इससे भी बुरी स्थिति कांग्रेस की है यही वजह है कि प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा में इन्हें विजय श्री का तक नहीं मिल पाया है। कांग्रेस के वार्ड क्रमांक 25 के पार्षद को ब्लॉक सारनी और जिले की कमेटी के माध्यम से सहयोग न देना भी जन चर्चा का विषय बना हुआ है।

23 में से 18 पार्षद नाराज आखिर इसके पीछे कौन

अपने आप को नगर पालिका अध्यक्ष का करीबी कहा जाने वाले इस व्यक्ति की वजह से भारतीय जनता पार्टी के 23 में से 18 पार्षद वर्तमान समय में नाराज चल रहे हैं,पहले मुलताई फिर घोड़ाडोगरी उसके बाद बैतूल,बैतूल के बाद नर्मदापुरम में नगर पालिका अध्यक्ष परिवर्तन किए जाने को लेकर विरोधाभास शुरू हो गया है कहीं ऐसा ना हो कि नगर पालिका परिषद सारनी के 36 में से 27 पार्षद यदि विरोध भाषा में उतरे तो अध्यक्ष के करीबी कहे जाने की वजह से अध्यक्ष को अपनी कुर्सी से हाथ ना धोना पड़े कांग्रेस के नेताओं को अपने घर पर वारुणी की पार्टी देना इस और ही इशारा करते दिखाई दे रहा है। सूत्रों का कहना है कि पचमढ़ी में जो वादे भाजपा के पार्षद से किए गए थे वह वादे पूरे होते दिखाई नहीं दे रहे हैं इस वजह से 23 में से 18 भाजपा के पार्षद का नाराज होना और कांग्रेस के नेताओं का इस के घर वारुणी की पार्टी का करना नगर पालिका परिषद सारणी में सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट की ओर खुला इशारा कर रहा है यदि 18 पार्षद भाजपा और 11 पार्षद कांग्रेस के एक हो जाए तो 29 मत नगर पालिका अध्यक्ष के विरोध में हो जाएगा और ऐसे में उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ सकता है।

 

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