आमला विधानसभा क्षेत्र में भाजपा में दावेदारो की संख्या में हो रहा इजाफा
किशोर बरदे,जगन्नाथ डेहरिया,सदाराम झारबडे का भी नाम आया सामने
सारनी।आमला विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के तरफ से प्रत्याशियों के नाम और दावेदारों के नाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं हालांकि 2018 में रनिंग विधायक चेतराम मानेकर की टिकट काटकर डॉक्टर योगेश पंडाग्रे को भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया गया इस वजह से आमला विधानसभा क्षेत्र में कुछ भी होना संभव नहीं है, क्योंकि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बाद सबसे ज्यादा मतों से विजई होने वाले चेतराम मानेकर की टिकट जब कट सकती है तो फिर डॉक्टर योगेश पंडाग्रे जिन्होंने 19 हजार 197 मत लेकर ही जीत हासिल की है। ऐसे में आमला विधानसभा क्षेत्र में कुछ भी परिणाम और रुझान हो सकते हैं हालांकि यह एससी समाज के लिए आरक्षित विधानसभा सीट है।
भाजपा से आमला विधानसभा सीट पर टिकट मांगने वाली दावेदारों के नाम
वर्तमान समय में विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे टिकट के प्रबल दावेदार हैं इनके अलावा पूर्व विधायक चेतराम मानेकर पूरी ताकत से विधानसभा टिकट लेने का प्रयत्न कर रहे हैं। ऐसे में सारनी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष किशोर बरदे का चुनावी माहौल में अपनी जिज्ञासा सुधाचंद्रा के माध्यम से व्यक्त करना कहीं ना कहीं उन्हें भी विधानसभा टिकट की उम्मीद की किरण जाग चुकी है।ऐसे में आवला विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे के लिए यह भी परेशानी का कारण बन सकते हैं हालांकि सन 1980 से लगातार भारतीय जनता पार्टी की सेवा करने वाले क्षेत्र के वरिष्ठ नेता जगन्नाथ डहेरिया भी लंबे समय से आमला विधानसभा क्षेत्र से टिकट मांगने का प्रयत्न कर रहे हैं और इस बार वह भी अमला विधानसभा से अपना भाग्य आजमाने में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहते जबकि सामाजिक सरोकार से जुड़े आमला के सदाराम झारबडे भी इस बार भारतीय जनता पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं और उनके माध्यम से आमला सारनी और बैतूल के कई दिक्कत नेताओं के घर पहुंच कर उन्होंने अपना पक्ष और अपना मत रखना का काम किया है ऐसी स्थिति में एक अनार कई बीमार की स्थिति आवला विधानसभा क्षेत्र में निर्मित होते जा रही है। जो वर्तमान विधायक के लिए परेशानी का कारण बनता दिखाई दे रही है।
वर्ष 2018 के विधानसभा में क्या थी स्थिति
वर्ष 2018 में आमला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे लेकिन इसमें बीजेपी कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच घमासान की स्थिति बनी रही आमला विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 में 207590 मतदाताओं ने अपने मत अधिकार का उपयोग किया था। जिसमें भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर योगेश पंडरी को 73 हजार 481,कांग्रेस के मनोज मालवे को 54 हजार 284 मत मिले थे जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राकेश महले को 15 हजार 827 मत मिले थे जबकि प्रभु मस्तकर, मनोज डेहरिया,डॉक्टर सुरेश भुमरकर सहित अन्य प्रत्याशी तीन हजार के अंदर में डेर हो गए थे। ऐसी स्थिति में एक बार फिर आमला विधानसभा क्षेत्र में यदि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी खड़ी हुई तो त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना दिखाई दे रही है लेकिन सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी से चुनाव मैदान में ताल कौन ठोकेगा यह सबसे बड़ा सवाल क्षेत्र के मतदाताओं के लिए बना हुआ है।
सारनी शहरी क्षेत्र के आसपास के गांव में भाजपा का विरोध
आमला विधानसभा के अंतर्गत सारनी और ग्रामीण क्षेत्र आता है और यहां पर ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्र के नेताओं के प्रति आक्रोश का माहौल बना रहता है ग्रामीण क्षेत्र की नेताओं का कहना है कि शहरी क्षेत्र की नेता ग्रामीण क्षेत्र में क्यों आते हैं ऐसी स्थिति में जांगड़ा,छुरी, जाजलपुर,जाजबोडी,कोलगाव,छतरपुर,उमरी, केरिया,मथानी,मायावनी सीताकामत,घोघरी, विक्रमपुर,मोरडोगरी, दुलारा,गाताखेड़ा,गाताखेडावन ग्राम,डंगवा, ब्राह्मणवाद जैसे गांव में भाजपा का विरोध अभी से दिखाई देने लगा है आखिर ग्रामीण क्षेत्र के लोग शहरी क्षेत्र के नेताओं से द्वेष क्यों रखते हैं यह आमला विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रश्न है और यदि शहरी क्षेत्र के लोगों को भारतीय जनता पार्टी का जो भी प्रत्याशी घोषित होता है तो निश्चित तौर से इस बार भारतीय जनता पार्टी को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।