2018 का इतिहास अपने आप को फिर दोहरा रहा है डॉ योगेश पंडाग्रे की टिकट कटने की संभावना

2018 का इतिहास अपने आप को फिर दोहरा रहा है डॉ योगेश पंडाग्रे की टिकट कटने की संभावना

चेतराम मानेकर हुए सकरी आमला और सारनी शहर में पुराने लोगों से कर रहे संपर्क

।। प्रमोद गुप्ता ।।

सारनी। आचार संहिता लगने में भले ही दो माह का समय बाकी है और भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से 230 सीट में से 39 सिट की घोषणा की जा चुकी है।जिसमें बैतूल जिले की भैसदेही और मुलताई सीट के प्रत्याशी तय हो गए ऐसे में बैतूल जिले की तीन सीट पर अभी भाजपा के माध्यम से घोषणा न करना काफी फेरबदल होने की संभावना की ओर इशारा कर रहा है। बड़े बुजुर्गों का कहना है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है वर्ष 2018 में डॉक्टर योगेश पंडाग्रे के माध्यम से श्याम धाम दंड भेद का उपयोग करके रनिंग के विधायक चेतराम मानेकर की टिकट कटवा कर खुद टिकट लाने में सफल हुए थे। हालांकि वर्ष 2018 में जब डॉक्टर चुनाव लड़े तो उन्हें 73481 मत मिले इनकी चुनाव लड़ने से भारतीय जनता पार्टी का मत प्रतिशत कम हुआ और मत प्रतिशत घटकर 46 प्रतिशत पर चला गया था।जबकि चेतराम मानेकर वर्ष 2013 में चुनाव लड़े उसे समय भारतीय जनता पार्टी का आमला विधानसभा क्षेत्र में 55.09 प्रतिशत मत प्रतिशत था लेकिन लगभग 10 प्रतिशत डॉक्टर योगेश पंडाग्रे के चुनाव लड़ने से भारतीय जनता पार्टी के मत प्रतिशत में कमी आई ऐसे में वर्ष 2013 में चेतराम मानेकर को 77 हजार 939 मत मिले थे जो अपनी प्रतिद्वंद्वी से मत प्रतिशत के हिसाब से 55.09 प्रतिशत था उनके खिलाफ में कांग्रेस की प्रत्याशी सुनीता बेले चुनाव लड़ी थी जिन्हें 38 हजार 337 मत मिले थे जब कांग्रेस का मत प्रतिशत 27 प्रतिशत था अब 2023 में एक बार फिर आमला विधानसभा चुनाव की तरफ सबकी निगाहें आ गई है डॉक्टर योगेश पंडाग्रे के माध्यम से रेत गिट्टी का व्यापार करना भारतीय जनता पार्टी के शीर्षक नेताओं को ना गवारा गुजर रहा है और उनके माध्यम से रेता के व्यापार की वजह से ही आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट काटने की संभावना व्यक्ति की जा रही है। अचानक आमला विधानसभा क्षेत्र में डॉक्टर के खिलाफ चेतराम मानेकर का जनसंपर्क बढ़ना निश्चित तौर से डॉक्टर के लिए परेशानी का कारण खड़ा हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि डॉ योगेश पंडाग्रे के इर्द-गिर्द चापलूसों की भीड़ लगी हुई है जो उनकी लुटिया डूबने के लिए काफी है। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में सात हजार से अधिक लोगों का भूखे प्यासे जाना और उसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने बेहतर प्रदर्शन करने के उद्देश्य से भारतीय जनता पार्टी के ही कुछ नेताओं के माध्यम से विधायक की शाक को कम करना उनके लिए नुकसान का कारण साबित हो सकता है।

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