




नगर पालिका में आउटसोर्सिंग से काम करने वाले कर्मचारियों को मिले बोनस – अख्तर
कलेक्टर दर के हिसाब से ठेका मजदूरों को नहीं मिल रहा वेतन
सारनी। उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकारी संस्थाओं एवं ठेकेदारों के पास काम करने वाले ठेका मजदूरों को नियुक्तम 16 हजार और अधिकतम 26 हजार वेतन के हिसाब से दीपावली के पहले बोनस दिया जाना है,लेकिन भारतीय जनता पार्टी शासित नगर पालिका में कार्यरत कर्मचारियों को शासन के तय मापदंड के अनुरूप वेतन का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। जिसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को सारनी के व्यापारी शेख अख्तर ने पत्र लिखकर मजदूरों को श्रम कानून के अनुरूप वेतन और बोनस दिए जाने की मांग की है। व्यापारी शेख अख्तर ने बताया कि नगर पालिका परिषद सारनी में काम करने वाले कर्मचारियों को 5 हजार से 7 हजार रुपए प्रति महा फिक्सेशन के रूप में दिया जा रहा है जबकि उन्हें और उनके खाते में 12 से 15 हजार रुपए की राशि ठेकेदारों के माध्यम से डालकर पैसे वापस लिए जा रहे हैं,ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार के नियमों का पालन स्थानीय निकाय में न होने के कारण ठेका मजदूरों को फाके के दौर गुजरने की स्थिति निर्मित हो गई है। शेख अख्तर ने आरोप लगाते हुए बताएं कि नगर पालिका परिषद सारनी में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के माध्यम से निविदा टेंडर लेकर गरीबों का शोषण कर रहे हैं उन्होंने बताया कि नगर पालिका के माध्यम से संचालित होने वाले पार्क और टेचिंग ग्राउंड में तीन से चार हजार प्रति माह के हिसाब से मजदूरों को वेतन दिया जा रहा है और इन मजदूरों का ईपीएफ भी जमा नहीं किया जा रहा है ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार की योजना उनके ही अधिनिसत संचालित होने वाली नगर पालिका में लागू नहीं हो पा रहा है तो इससे बड़े उद्योगों में मजदूरों को कलेक्टर दर पर वेतन का भुगतान और बोनस दिए जाने की संभावना कैसे व्यक्ति की जा सकती है ऐसी स्थिति को देखते हुए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री,श्रम मंत्री और श्रम अधिकारी को पत्र लिखकर ठेका मजदूरों को तय मापदंड के अनुरूप वेतन और बोनस दीपावली के पहले दिलाए जाने की मांग रखी है।