तीसरे दिन राजस्व अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुये बैतूल विधायक व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन

तीसरे दिन राजस्व अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुये बैतूल विधायक व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन

तहसीलदार का फील्ड भ्रमण करना हो जाएगा जिससे न्यायिक कार्य प्रभावित होंगे

सारनी।प्रदेश में न्यायिक व गैर न्यायिक विभाजन को लेकर पूरे प्रदेश सहित बैतूल जिले में भी तहसीलदार,नायब तहसीलदार तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन में बैठे रहे। इसी तारतम्य में शुक्रवार को बैतूल राजस्व अधिकारी संघ जिला इकाई द्वारा बैतूल विधायक एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को ज्ञापन सौंप कर मांग को पूरा करने पर चर्चा की गई,जिसमें उन्होंने बताया कि वह इस संबंध प्रमुख सचिव व मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से विचार विमर्श कर सकारात्मक परिणाम के लिए बातचीत करेंगे। वहीं तहसीलदार संघ जिला इकाई के जिलाध्यक्ष गोवर्धन पाठे द्वारा बताया गया है कि प्रांतीय आह्वान पर 06 अगस्त से शुरू हुआ या विरोध प्रदर्शन मांग पूरी न होने तक अनिश्चित कालीन तक चलेगा। न्यायालयीन प्रकरण जैसे रास्ता विवाद अतिक्रमण हटवाना आदि के संबंध में मौका निरीक्षण करना आवश्यक है। ऐसे में न्यायालयीन तहसीलदार को फील्ड भ्रमण करना जरूरी हो जायेगा।किसी एक न्यायालयीन तहसीलदार के आदेश का पालन फील्ड में दूसरे गैर न्यायिक तहसीलदार को करवाने में समस्या होगी।गैर न्यायिक तहसीलदार को दांडिक न्यायालय सौंपे गए हैं लेकिन स्टाफ जैसे प्रवाचक भ्रत्य ऑपरेटर आदि संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए गए है। जिन जिलों में न्यायिक गैर न्यायिक व्यवस्था लागू की गई है उनमें कई न्यायिक तहसीलदारों को एक से अधिक न्यायालय के प्रभार दे दिए गए हैं जिससे काम अतिरिक्त हो गया है। छोटे तहसीलों में कानून व्यवस्था प्रोटोकॉल का कार्य प्रतिदिन नही होता है ऐसे में पृथक से एक तहसीलदार को गैर न्यायिक बनाए जाने की आवश्यकता नहीं है। तहसील कार्यालयों में ऑपरेटर बाबू क्लेरिकल स्टाफ भृत्य की कमी लंबे समय से चली आ रही है यदि मानव संसाधन की कमी पूर्ण कर दी जाती है तो प्रगति दोनो कार्यों के साथ साथ हो जायेगी।अधिकतर शिकायतें जानकारियां सभी न्यायालयीन प्रकरण से संबंधित होते हैं जिनमे गैर न्यायिक तहसीलदार कार्य नहीं कर सकता।न्यायिक तहसीलदार जनता से सीधे जुड़े होते हैं इसलिए कानून व्यवस्था बनाने में जनता को नियंत्रित करना समझाना आसान होता है यदि गैर न्यायिक तहसीलदार जनता लॉ एंड आर्डर में जायेगे तो लोगो को समझाना भरोसे में लेना उनके लिए कठिन होगा। गैर न्यायिक तहसीलदार की सामान्य जनता से दूरी बढ़ जाएगी बिना सूचना तंत्र के कानून एवं शांति व्यवस्था बनना कठिन होगा और दुर्घटनाएं बढ़ेगी।आपदा जैसे बाढ़ कई क्षेत्रों में आती है वैसे ही रैलियां, वीवीआईपी का कार्यक्रम में गैर न्यायिक के अलावा न्यायिक को भी लगाया जाएगा तो फिर कार्य विभाजन का क्या लाभ है।बाढ़, पाला,तुषार,सुखा में फसलें खराब होने पर न्यायिक तहसीलदार को राहत के प्रकरण बनाने हैं लेकिन भ्रमण न्यायिक तहसीलदार नहीं करेगा तो फसल की नुकसानी,किसानों के तात्कालिक समस्याओं को कैसे समझेंगे। इन सभी बातों को लेकर तीन दिनों से तहसीलदार नायब तहसीलदारों की हड़ताल जारी है।

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