




कोयलांचल क्षेत्र पाथाखेड़ा में उम्मीद भरी निगाहों से पूछते हैं लोग की भाई साहब सारनी में इकाई स्थापित होगी कि नहीं
मायूसी और पलायन का दौर क्षेत्र में बड़ी संख्या में हो रहा हाबी
प्रमोद गुप्ता
सारनी। नगर पालिका परिषद सारनी के अंतर्गत कोयलांचल क्षेत्र पाथाखेड़ा आता है यह क्षेत्र भौगोलिक और क्षेत्रफल जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा है नगर पालिका परिषद सारनी के 36 वार्ड है जिसमें पाथाखेड़ा में अकेले 16 वार्ड है ऐसी स्थिति में झूंगी बस्तियों के किसी भी वार्ड में यदि क्षेत्र का कोई जनप्रतिनिधि या पत्रकार पहुंचता है तो झूंगी बस्ती में रहने वाले लोग बड़े उम्मीद और मासूमियत के साथ पूछते हैं कि भाई साहब सही-सही बताइएगा की सारनी में नई इकाई की सौगात मिलेगी कि नहीं हालांकि वर्ष 2013 से लगातार विद्युत नगरी सारनी में नई 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई स्थापित किए जाने का आश्वासन दिया जा रहा है। इस बार भी उम्मीद की किरण लोगों को दिखाई जा रही है इकाई आएगी या नहीं यह कह पाना अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन झूंगी बस्तियों में रहने वाले लोगों ने अभी भी ताप विद्युत गृह सारनी में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई स्थापित हो इसकी
आस और उम्मीद लगाए बैठे। क्षेत्र के कुछ विद्वान लोगों की बातों को अगर गंभीरता से ले तो उनके हिसाब से मध्यप्रदेश शासन से पूनरीक्षित लागत पर प्रशासनिक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव ऊर्जा विभाग को अक्टूबर वर्ष 2024 में प्रस्तुत किया गया है। तदनुसार परियोजना का वित्तीय पोषण निम्न अनुसार प्रस्तावित किया गया है।
पूनरीक्षित परियोजना लागत —- 8299.76 करोड़
लोन 80 प्रतिशत ——— 6639.81 करोड़
राज्य शासन अंश पूंजी 15 प्रतिशत ——— 1244.96 करोड़
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा स्वयं के स्रोत से 5 प्रतिशत ——- 414.99 करोड़
रुपए का प्रस्ताव बनाकर दिया जा चुका है और कई लोगों का कहना है कि दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से विद्युत नगरी सारनी में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना कर दी जाए अब झुग्गी-बस्तियों बस्ती में निवास करने वाले गरीब और मध्यवर्गी परिवार के लोगों को इस बात पर इसलिए भरोसा होता दिखाई नहीं दे रहा है क्योंकि वर्ष 2013 से लगातार सत्ता पक्ष के नेताओं के माध्यम से इकाई के संबंध में अखबारों में सुर्खियां बटोरने का काम किया जा रहा है 13 वर्ष का लंबा समय बीतने के बाद सारनी में इकाई की स्थापना नहीं हो पाई और लगातार आश्वासन का झुनझुना क्षेत्र वासियों को दिया जाता रहा है इस वजह से अब झुमकी बस्ती और मध्यवर्गीय परिवार के लोगों से लोगों के दिल और दिमाग में सत्ता पक्ष के माध्यम से इकाई की स्थापना को लेकर भ्रम और राजनीतिक स्टेट होना बताया जा रहा है। इसमें सच्चाई कितने प्रतिशत है यह तो जनप्रतिनिधि और मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अधिकृत अधिकारी ही बता पाएंगे।