भाजपा के मजबूत वोट बैंक व बड़े सामाजिक वर्ग को साधने वाला हो सारनी मंडल अध्यक्ष

भाजपा के मजबूत वोट बैंक व बड़े सामाजिक वर्ग को साधने वाला हो सारनी मंडल अध्यक्ष

जिस तरह सांप अपने बच्चों को निगलता है इस तरह स्वयंभू नेता भी कार्यकर्ताओं को निगलने में जुटे हुए है

विलास चौधरी अतिथिसंपादक

सारनी। नगरपालिका क्षेत्र में नगरीय निकाय चुनाव की दृष्टि से सारनी मंडल बेहद महत्वपूर्ण एवं निर्णायक हो जाता है,जिसमे सारनी के 13,पाथाखेड़ा के 16 वार्ड आते है,इन वार्डो में आश्रित मतदाताओं के आधार पर ही वार्डो में बहुमत एवं अध्यक्ष को निर्णायक बढ़त कि सर्वाधिक संभावना किसी भी राजनीतिक दल कि बनी रहती है।अबतक इस क्षेत्र से भाजपा बेहतर करती आ रही है, लेकिन विगत महीनों में भाजपा ने इस क्षेत्र में जितने भी सांगठनिक कार्यक्रम किए है। उसने कार्यकर्ताओं कि संख्या बेहद कम निकलकर आ रही है,राजनीतिक गलियारों में चर्चा है की भाजपा में इस क्षेत्र के प्रभावशाली मास्क(आम लोगों की समस्या का निराकरण करने वाला) लीडर की कमी के अलावा बगड़ोना मंडल के नेताओं का अनावश्यक हस्तक्षेप होने तथा सारनी मंडल के नए बनने के पश्चात अध्यक्ष कि घोषणा नहीं होने से कार्यकर्ता हतोत्साहित है और संगठन के कार्यों कि अपेक्षा घरों में बैठना पसंद कर रहे है,जिसकी बानगी पर्यावरण दिवस पर जिलाध्यक्ष के आतिथ्य के बाद नगण्य संख्या में कार्यकर्ताओं कि उपस्थिति से लगाया जा सकता है।सारनी मंडल जो कि नगरीय निकाय कि दृष्टि से भाजपा के लिया राजनीतिक रुप से महत्वपूर्ण है जिसकी जीत हर ही विधायक योगेश पंडाग्रे कि विधानसभा पर दावेदारी का बड़ा संबल बनती है,एवं भाजपा जिलाध्यक्ष सुधाकर पवार जिनके जिला नेतृत्व पर इस निकाय कि जीत हार का बेहद प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है,इस लिहाज से सारनी मंडल के हतोत्साहित कार्यकर्ताओं को जिला संगठन ने सबको लेकर चले ऐसा अध्यक्ष देकर उनमें ऊर्जा का संचार किया जाना चाहिए ।जिला संगठन,विधायक योगेश पंडाग्रे एवं जिलाध्यक्ष सुधाकर पवार को सारनी मंडल अध्यक्ष का चयन करते समय इस बात को अवश्य ध्यान में रखना होगा कि विपक्ष पर जो सोशल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया पर तगड़ा प्रहार करने में सक्षम तो हो ही साथ ही सारनी मंडल के सारनी व कोयलांचल के 16 वार्डो में स्थित भाजपा के मजबूत वोट बैंक को साधने वाला तथा इन वार्डो में स्थित बहुसंख्यक सामाजिक वर्ग का भी प्रतिनिधित्व करने में सक्षम हो सारनी मंडल के कार्यकर्ताओं में उत्साह व विश्वाश को पुनर्स्थापित कर सकता हो ऐसे अनुभवी कार्यकर्ता को नियुक्त किया जाना चाहिए,अन्यथा आगामी नगरीय निकाय, विधानसभा लोकसभा चुनावों में भाजपा को राजनीतिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वर्तमान लहजे में भी देखा जाए तो सारणी मंडल कई मामलों में कमजोर होते दिखाई दे रही है कुछ चुनिंदा नेता जो स्वयंभू बनकर सांप की तरह अपनी ही बच्चों को निगलने में लगे हुए। जिसका खामियाजा भी आगामी समय में भाजपा को परेशानी में डालने के लिए काफी है? ऐसी स्थिति में संगठन का प्रतिनिधित्व करने वाले अध्यक्ष का चुनाव बड़े सोच समझकर किया जाना चाहिए। नहीं तो जिस तरह विधानसभा और नगरी निकाय चुनाव में भाजपा की संख्या और मध्य प्रतिशत कम हुआ है वह निश्चित तौर से आगामी चुनाव में प्राण घातक साबित हो सकता है।

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