




एक चिकित्सक विधायक उद्योग के क्षेत्र में अगर मै अग्रसर हु तो यह सब बाबा साहेब की वजह से – योगेश पंडाग्रे
त्रिरत्न बौद्ध बिहार सारनी में हुआ कार्यक्रम
सारनी।आज के परिवेश में एक बच्चे को समस्त सुविधाओं के साथ शिक्षा ग्रहण करने विधालय भेजा जाए एवं उसे वहां आंशिक भी प्रताड़ना का शिकार होना पड़े तो मैं नहीं समझता दोबारा वह बच्चा उस शाला में अध्ययन करने जाएगा,लेकिन तात्कालिक समय समाज में फैले जातिवाद के बाद अपनी मां से जिद कर शिक्षा ग्रहण करने विधालय जाने कि बात कर विधालय में स्कूल के बाहर बैठ शिक्षा ग्रहण करना एकांकी भोजन ग्रहण करने जैसे दंश को एक पांच साल के बच्चे के लिए सहना असंभव था। शिक्षा के बल पर समाज का उत्थान करने का दृढ़ संकल्प लें समाज में अग्रणी होने के विचार ने ही एक सुबेदार के घर 14 अप्रैल 1991 में महू में जन्म लेने वाले नन्हे बालक को आगे चलकर भारत रत्न बाबा साहेब अम्बेडकर के रुप में प्रतिस्थापित किया ऐसे विलक्षण प्रतिभा के धनी बाबा साहेब के चरणों में मै शत शत वंदन करता
हूं,उक्त उदगार आमला सारनी के विधायक योगेश पंडाग्रे ने सोमवार को त्रिरत्न बौद्ध विहार समिति सारनी द्वारा आयोजित बाबा साहेब अम्बेडकर जन्म जयंती अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त करते हुए कहा,कि जिन विपरीत परिस्थितियों में बाबा साहेब ने विद्यार्जन कर समाज उत्थान का कार्य किया है वह अकल्पनीय एवं अदभुत है इसलिए उन्हें केवल दलितों अथवा एक समाज विशेष का नेता निरूपित करना बाबा साहेब की विलक्षण प्रतिभा के साथ अन्याय होगा,उन्होने कहा बाबा साहेब ने भारत एवं लंदन, ईत्यादी स्थानों से उच्चतम शैक्षणिक उपाधियां ग्रहण करने के पश्चात स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता के रुप में प्रत्येक समाज के शोषित,वंचित,पीड़ितों को न्याय प्रदान करने का प्रावधान किया, माताओं बहनों को संपत्ति में उतराधिकारी बनाने, किसन कल्याण,श्रम कल्याण के प्रावधानों का समावेश कर आजाद भारत एक सूत्र में बंधा रहे ऐसे संविधान का निर्माण किया इसलिए उन्हें सिर्फ एक समाज का नेता कहना अन्याय होगा,उन्होने कहा हम बाबा साहेब के विचारों को किस रुप में आत्मसात करते है यह हमपर निर्भर है क्योंकि बाबा साहेब कहा करते थे समाज का उत्थान अगर कोई कर सकता है तो वह स्वयं समाज ही है,आज मैं अगर एक चिकित्सक बन सका हु,एक विधायक बन सका हु अथवा उद्योग के क्षेत्र में अग्रसर हु तो यह सब बाबा साहेब द्वारा प्रदत्त संवैधानिक शक्तियों के बल से ही संभव हो सका है।इसलिए मैं बाबा साहेब के विचारों को अंगीकार करते हुए श्रद्धेय बाबा साहेब अम्बेडकर के चरणों में शत शत वंदन करता हु, एवं आपसब से अपेक्षा करता हु की बाबा साहेब के विचारों पर अगर हमसब अग्रसर हो समाज उत्थान देश उत्थान की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लेते है तो यही बाबा साहेब के चरणों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी।विधायक योगेश पंडाग्रे के उद्बोधन के पुर्व त्रिरत्न बौद्ध विहार समिति सारनी के अध्यक्ष बलवंत पाटिल एवं आमंत्रित दीदियों ईत्यादी ने पुष्पगुच्छ भेट कर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिला पुरुष कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रही।