25 वर्ष पूरे हुए बैकुंठ धाम आश्रम सेवा समिति के गौशाला को

25 वर्ष पूरे हुए बैकुंठ धाम आश्रम सेवा समिति के गौशाला को

शासन से बिना मदद के संचालित की जा रही है बैकुंठ धाम आश्रम सलैया में गौशाला

सारनी। प्रसिद्ध राष्ट्रकवि दुष्यंत कुमार त्यागी के माध्यम से लिखी गई यह चार लाइन कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं हो सकता जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो इस कहावत को चरितार्थ करते हुए दिखाई दे रही है। 30 मार्च सन 2000 को बैकुंठ धाम आश्रम सेवा समिति सलैया के तत्वाधान में गिनती के एक दो गाय की उपस्थिति में जन सहयोग से गौशाला का शुभारंभ किया गया। यह आश्रम में संचालित होने वाले गौशाला को 25 वर्ष का समय पूर्ण होने जा रहा  है और यह तभी संभव हो पाया है शासन से बिना किसी मदद की जन सहयोग के माध्यम से ही गौशाला का संचालन किया जा रहा है। गौ की सेवा में प्रतिदिन चार से

कर्मचारी नियमित लगन और निष्ठा के साथ गौ की सेवा कर रहे हैं। यादि किसी को गौसेवा देखना है तो उसे ग्राम पंचायत सलैया में संचालित होने वाले बैकुंठ धाम आश्रम सेवा समिति का एक बार अवलोकन करना चाहिए। बैकुंठ धाम आश्रम के संस्थापक श्री सीताराम दादा जी महाराज कहते हैं कि जन सहयोग से बैकुंठ धाम आश्रम और गौशाला का संचालन होता है,उन्होंने बताया कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर कांग्रेस के कमलनाथ और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सुखदेव पासे से और भाजपा के कई दिग्गज नेताओं का बैकुंठ धाम आश्रम में आवागमन हो चुका है लेकिन शासन के माध्यम से गौशाला को संचालित करने की किसी भी तरह की कोई मदद नहीं ली गई है और ना ही शासन ने कोई मदद देने का काम किया है।उसके बाद भी गौ सेवा पिछले 25 सालों से निरंतर की जा रही है। बैकुंठ धाम आश्रम के महंत संगीत दास महाराज जी का कहना है कि गर्मी शुरू होने की स्थिति में गाय की सेवा करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि बैकुंठ धाम आश्रम में जल संकट उत्पन्न हो जाता है ऐसी स्थिति में जो आश्रम से जुड़े सेवादार और सदस्य लोग हैं उनके खेतों में गाय को पहुंच कर उनकी सेवा करने का काम किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में 40 से 50 गाय निरंतर आश्रम में संचालित होती है गर्मी के समय में ही किन गाय को पेयजल की स्थिति को देखते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचने का कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा है कि ऑनलाइन ऑफलाइन जन सहयोग से ही यह आश्रम एवं गौशाला का संचालक नियमित किया जा रहा है उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म को जीवित रखने के लिए बैकुंठ धाम आश्रम सेवा समिति सलैया के माध्यम से कई तरह के मुहिम भी संचालित की जाती है।

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