संपूर्ण जिले में अनुमति 26 को नहीं और कार्रवाई केवल दो पर
दो स्कूल कराए बंद, संस्था प्रभारी को दी चेतावनी,बीआरसी ने की कार्यवाही
सारनी।संपूर्ण जिले में बिना मान्यता के 26 स्कूलों का संचालन किया जा रहा है लेकिन गुरुवार को ब्लॉक संसाधन समन्वय के माध्यम से घोड़ाडोगरी ब्लॉक के सारनी और ग्राम पंचायत सलैया में अलग-अलग संचालित होने वाले दो स्कूलों पर कार्रवाई की गई है जबकि जिले के 24 स्कूलों को नजरअंदाज किया गया है इससे यह प्रतीक होता है कि जिला समन्वयक केंद्र के अधिकारियों के माध्यम से 24 स्कूलों को नजर अंदाज और दो स्कूलों को जानबूझकर कार्रवाई के दायरे में रखा जा रहा है।बताया जा रहा है कि गुरुवार को ब्लॉक संसाधन समन्वय पीसी बोष के माध्यम से अचानक निरीक्षण किया गया जिस पर अशासकीय अल्फाबेट पब्लिक स्कूल कॉलेज रोड बगङोना और अशासकीय ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल स्कूल सलैया का संचालन बिना अनुमति के किया जा रहा था।ब्लॉक संसाधन समन्वयक के माध्यम से संस्था प्रभारियों को स्कूल संचालित नहीं किए जाने को लेकर चेतावनी जारी कि गई है।निरीक्षण पर आए बी आर सी(ब्लॉक संसाधन समन्वयक)पीसी बोस ने बताया कि स्कूलों की मान्यता को लेकर नवीन एवं नवीनीकरण मान्यता प्रथम अपीलीय अधिकारी कलेक्टर द्वारा निरस्त की गई थी।उसके बाद सूचनाएं मिल रही थी कि स्कूलों का संचालन बिना मान्यता के हो रहा है।जिसको लेकर आज अशासकीय अल्फाबेट पब्लिक स्कूल कॉलेज रोड बगङोना और अशासकीय ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल स्कूल सलैया का गुरुवार को औचक निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान स्कूल भवन में बच्चे नहीं मिले।बच्चों की उपस्थिति को लेकर कोई अभिलेख भी स्कूल में नहीं मिला।स्कूल का बोर्ड लगा था।जिसे हटवाया गया।इसके पूर्व 9 अगस्त को भी इन स्कूलों को लेटर जारी कर आगाह किया गया था कि बिना मान्यता के पालकों को गुमराह करके स्कूल संचालित नही करें।अगर ऐसा पाया जाता है तो आरटीई की धारा 18 खंड 5 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी जिसमें एक लाख तक अर्थ दंड का प्रावधान है।निरीक्षण के दौरान पंचनामा बनाया गया और संस्था प्रभारी के कथन लिए गए जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि उनके द्वारा स्कूल का संचालन नहीं किया जा रहा है,ओर बिना मान्यता के स्कूल का संचालन नही करेंगे।
दो पर कार्रवाई और 24 को अभय दान जिला समन्वयक केंद्र की कर प्रणाली पर उठ रहे सवाल
संपूर्ण बैतूल जिले में 26 स्कूल को द्वितीय अपील के लिए राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल भेजा गया है ऐसे में केवल घोडाडोंगरी ब्लॉक के दो स्कूलों पर कार्रवाई करना और 24 स्कूलों पर अभयदान देना निश्चित ही जिला समन्वयक केंद्र की कर प्रणाली पर सवालिया निशान उठाए जा रहा है।शिक्षा विभाग से जुड़े शिक्षकों का मानना है कि केंद्र विद्यालय सारनी एमजीएम बगडोना सहित कई ऐसी स्कूल है जिनके भवन की बिल्डिंग पुरानी हो गई है और इन स्कूलों स्कूल भवन में स्कूल का संचालन करना विद्यार्थियों के लिए जोखिम साबित हो सकता है लेकिन ऐसी स्कूलों को मान्यता बरकरार रखी गई है और रजिस्टर किरायानामा बनाने के बाद प्रथम स्तर पर अनुमति नहीं मिलने के बाद राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल में अनुमति के लिए अपील की गई है।जब तक वहां से कोई ठोस आदेश नहीं आ जाते तब तक इस तरह की कार्रवाई अनुचित मानी जा रही है।आश्चर्य की बात यह है कि सरकारी स्कूलों का शिक्षा का स्तर खराब होने की वजह से कुकुर मुत्ते की तरह निजी स्कूलों का संचालन चौक चौराहे पर किया जा रहा है यदि शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करें तो इस तरह की स्थिति निर्मित नहीं हो पाती।
इनका कहना है
स्कूल चलाने की जब तक अनुमति नहीं मिल जाती तब तक स्कूल का संचालन नहीं किया जा सकता लेकिन दोनों स्कूल के संचालकों के माध्यम से स्कूल संचालित किया जा रहा था जिसकी शिकायत मिलने पर उन्हें स्कूल संचालक नहीं किए जाने की हिदायत देने का काम किया है दूसरी अपील में इनके माध्यम से अनुमति मांगने का कार्य किया गया है जब तक अनुमति नहीं मिलती तब तक स्कूल का संचालक नहीं किया जा सकता।
पीसी बोष ब्लॉक संसाधन समन्वयक(बीआरसी)घोडाडोंगरी