क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे ठेका मजदूर
आर पार की लड़ाई के लिए खोला मोर्चा
सारनी। वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा की विभिन्न खदानों में काम करने वाले ठेका मजदूर पिछले 16 दिनों से लगातार हड़ताल कर रहे हैं लेकिन ठेकेदार प्रबंधन के माध्यम से ठेका मजदूरों को मजदूरी नहीं दी जा रही है। प्रबंधन को आवेदन देकर मजदूरी देने की मांग रखी गई लेकिन प्रबंधन और ठेकेदारों की हठधर्मिता ठेका मजदूरों को नियम के अनुरूप वेतन नहीं मिल पा रहा है। इसे देखते हुए रविवार को डॉ बी आर अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित और माल्यार्पण करके जंगली पवार एवं आनंद नागले के माध्यम से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का कार्य किया है। यह अनिश्चितकाल धरना प्रदर्शन सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक प्रतिदिन चलेगा और दो-दो ठेका मजदूर क्रमिक भूख हड़ताल करके तय मापदंड के अनुरूप वेतन देने की मांग करेंगे बताया जाता है कि ठेका मजदूर जो भूमिगत खदानों में काम कर रहे हैं उन्हें 1180 रुपए के स्थान पर केवल 450 रुपये वेतन दिया जा रहा है जिसकी वजह से बढ़ती महंगाई के कारण ठेका मजदूरों को अपना घर परिवार संचालित करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तवा और छतरपुर परियोजना के अलावा सारनी माइंस में ठेका मजदूर कार्य कर रहे हैं।
विधायक प्रबंधन और ठेका मजदूरों के बीच वार्ता रही विफल
भूमिगत खदानों में काम करने वाले ठेका मजदूर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और इन के माध्यम से आमला विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं सांसद को लिखित आवेदन देकर उनकी समस्या का निराकरण करने की मांग की गई थी लेकिन ठेकेदार और डब्ल्यूसीएल के अधिकारियों की हठधर्मिता की वजह से ठेका मजदूरों को नियम के अनुरूप वेतन नहीं दिया जा रहा है इसको लेकर आमला विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे के माध्यम से प्रबंधन और ठेका मजदूरों के बीच मध्यस्थता करने का कार्य किया गया था लेकिन दोनों के बीच सामंजस नहीं बन पाया ऐसी स्थिति में ठेका मजदूरों के माध्यम से अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल करना ही उचित समझा गया है जिसे देखते हुए ठेका मजदूरों के द्वारा रविवार सुबह 10 बजे से अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी गई है।
26 दिन के वेतन में 18 हजार 980 का है अंतर
भूमिगत खदानों में काम करने वाले ठेका मजदूरों की माने तो प्रतिदिन 1180 के हिसाब से 26 दिन का वेतन ठेका मजदूरों का 30 हजार 680 बनता है लेकिन ठेकेदार के माध्यम 450 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 26 दिन का केवल 11 हजार 700 का ही भुगतान कर रहे हैं। यानी एक ठेका मजदूर पर ठेकेदार 18 हजार 980 रुपए सीधा गोलमाल कर रहा है। अब सब से बडा जांच का विषय यह है कि एक मजदूर की जो मजदूरी है उस वह मजदूरी के हिसाब से 30 हजार 680 रुपये 26 दिन की बन रही है। लेकिन 11 हजार 700 ही दिया जा रहा है। इसको लेकर यह धरना प्रदर्शन और आंदोलन किया जा रहा है। अब जांच का विषय यह है कि जो शेष 18 हजार 900 की राशि है उसमें ठेकेदार और वेस्टर्नकोल लिमिटेड के कौन-कौन से अधिकारी हिस्सेदारी में शामिल है इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए तब जाकर ही ठेका मजदूरों को न्याय मिल पाएगा।